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एक राजा है हमारे मुल्क में......

एक  राजा   है  हमारे मुल्क में वो
जो बिना परहेज़ का बस बोलता है।
है ये जनता झेलती मंहगाइयों को
वो नया मुद्दा से    मुद्दा    ठेलता  है।

एक मुद्दा है कि पसरी भुखमरी भी
एक   मुद्दा   है   युवा    बेकार   बैठा
प्रश्न में प्रश्नों की लाखों सिलसिला है
और वो पन्नों  पे   पन्ना  खोलता  है।
एक  राजा   है  हमारे मुल्क में वो
जो बिना परहेज़ का बस बोलता है।

रक्त गौ माता का गिरता है यहां पर
कौन समझेगा ये निर्वासन धरम से!
कूच करता है हरेक क्षण धर्म पंथी
और राजा धर्म   झूला  झूलता   है।
एक  राजा   है  हमारे मुल्क में वो
जो बिना परहेज़ का बस बोलता है।

धर्म का आदर्श है सद्भावना में
राष्ट्र हित हर्षित सबल अवधारणा में।
है  स्वयं आसक्त होकर धर्म पंथी
आस्तींँ में सर्प फिर क्यों पालता है?
एक  राजा   है  हमारे मुल्क में वो
जो बिना परहेज़ का बस बोलता है।

दीपक झा "रुद्रा"

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8 Comments

Mithi . S

20-Aug-2022 03:07 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

20-Aug-2022 03:05 PM

बहुत खूबसूरत

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shweta soni

20-Aug-2022 11:17 AM

Nice

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